Dhanteras 2021 Date, Puja Timings, Muhurat: इस दिन मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, धन्वंतरि जी और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। इस दिन सोने-चांदी और घर के लिए बर्तन खरीदने की भी परंपरा है।
Dhanteras 2021 Date, Puja Timings: दिवाली (Diwali 2021) से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। जो इस बार 2 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, धन्वंतरि जी और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। इस दिन सोने-चांदी और घर के लिए बर्तन खरीदने की भी परंपरा है। मान्यता है इस दिन विधि विधान की गई पूजा अर्चना करने से घर परिवार में सदैव सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। जानिए धनतेरस की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, आरती, महत्व।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2021 Puja Shubh Muhurat):
धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को 11.31 AM से होगी और समाप्ति 3 नवंबर को 09:02 AM पर। प्रदोष काल शाम 05:35 से रात 08:11 बजे तक रहेगा। धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 06:17 PM से रात 08:11 PM तक रहेगा। यम दीपम का समय शाम 05:35 PM से 06:53 PM तक रहेगा।
धनतेरस पूजा विधि: धनतेरस पूजा के समय भगवान सूर्य, भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव, भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान धनवंतरि की षोडशोपचार पूजा करें। भगवान धन्वंतरि को गंध, अबीर, गुलाल, पुष्प, रोली, अक्षत आदि चढ़ाएं। उनके मंत्रों का जाप करें। उन्हें खीर का भोग लगाएं। भगवान धन्वंतरि को श्रीफल व दक्षिणा चढ़ाएं। पूजा के अंत में कर्पूर से आरती करें। फिर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। एक दीपक यम देवता के नाम का जलाएं।
भगवान धन्वंतरि की आरती:
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

धनतेरस के दिन की परंपरा:
धनतेरस के दिन पीतल, चांदी, स्टील के बर्तन खरीदने की परंपरा है। मान्यता है इस दिन बर्तन खरीदने से धन समृद्धि आती है।
इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाये जाते हैं। क्योंकि इस दिन से दीपावली के त्योहार की शुरुआत हो जाती है।
धनतेरस पर शाम के समय एक दीपक यम देवता के नाम पर भी जलाया जाता है। मान्यता है ऐसा करने से यमदेव प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते हैं।
धनतेरस पर क्या खरीदें? इस दिन नई चीजें जैसे सोना, चांदी, पीतल खरीदना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन धनिया और झाड़ू खरीदना भी शुभ होता है।
धनतेरस पर देवताओं के वैद्य धन्वन्तरी की पूजा का महत्व:
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वन्तरी का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को भगवान धन्वन्तरी के नाम पर धनतेरस कहते है। मान्यता अनुसार धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परंपरा है। भगवान धन्वन्तरी देवताओं के वैद्य हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं। धनतेरस के दिन दीप जलाककर भगवान धन्वन्तरि की पूजा करें और उनसे स्वास्थ एवं सेहतमंद बनाये रखने हेतु प्रार्थना करें।
धनतेरस पर इन मंत्र का करें जाप
-ऊं नमो भगवते वासुदेवय धन्वंतरे अमृत कलश हस्तय सर्वमाया विनाश्य त्रैलोक्य नाथय
-श्री महाविष्णवे नमः
धनतेरस के दिन झाड़ू क्यों खरीदा जाता है?
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने के पीछे मान्यता है कि, इससे घर में माँ लक्ष्मी का आगमन होता है, घर से नकारात्मकता दूर होती है, और माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

इस विधि से करें धनतेरस के दिन दीपदान
धनतेरस के दिन यम देवता को दीपदान करना बड़ा ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आपको बता दें कि यह कार्य हमेशा प्रदोष काल में करना चाहिए। दीपक चतुर्मुखी प्रतीत हो यानी कि दोनों ही रुई की बत्तियों के चारों सिरे बाहर की ओर दिखें। फिर इस दीपक में तिल का तेल भरने के बाद कुछ काले तिल भी इसमें डाल दें। दीपक का रोली, पुष्प व अक्षत से पूजन करें और इसे प्रज्ज्वलित कर लें। दक्षिण दिशा की तरफ देखते हुए उस ढेर पर इस दीपक को स्थापित कर दें।
धनतेरस पर किन चीजों की खरीदारी से बचें:
धनतेरस के दिन लोहा न खरीदें, कांच की चीजें न खरीदें, काली चीजें न खरीदें, खाली बर्तन न खरीदें।
भगवान धन्वंतरि जी की आरती:
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।
धनतेरस पूजा और खरीदारी मुहूर्त 2021 (Dhanteras Puja And Shopping Muhurat 2021)
-पुणे 06:47 पी एम से 08:32 पी एम
-नई दिल्ली 06:17 पी एम से 08:11 पी एम
-चेन्नई 06:29 पी एम से 08:10 पी एम
-जयपुर 06:25 पी एम से 08:18 पी एम
-हैदराबाद 06:30 पी एम से 08:14 पी एम
-गुरुग्राम 06:18 पी एम से 08:12 पी एम
-चण्डीगढ़ 06:14 पी एम से 08:09 पी एम
-कोलकाता 05:42 पी एम से 07:31 पी एम
-मुम्बई 06:50 पी एम से 08:36 पी एम
-बेंगलूरु 06:40 पी एम से 08:21 पी एम
-अहमदाबाद 06:45 पी एम से 08:34 पी एम
-नोएडा 06:16 पी एम से 08:10 पी एम
धनतेरस पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि जी को क्या लगाएं भोग?
धनतेरस को भगवान धनवंतरी, कुबेर और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा खरीदकर पूजा घर में उत्तर दिशा में स्थापित करें. भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को विभिन्न फलों का भोग चढ़ाएं.
भगवान कुबेर को सफेद मिठाई, धनवंतरी भगवान को पीली मिठाई चढ़ाएं और प्रसाद बांटें.
धनतेरस को भगवान धनवंतरी, कुबेर और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा खरीदकर पूजा घर में उत्तर दिशा में स्थापित करें. भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को विभिन्न फलों का भोग चढ़ाएं.
भगवान कुबेर को सफेद मिठाई, धनवंतरी भगवान को पीली मिठाई चढ़ाएं और प्रसाद बांटें.
Dhanteras 2021 Shopping: धनतेरस पर वस्तुओं को खरीदना होगा शुभ
धनतेरस के दिन वैसे तो कोई भी नई वस्तु खरीदना बेहद शुभ होता है. मान्यता है कि इस दिन सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदने चाहिए. इसके अलावा लोग धनतेरस के दिन कार, मोटर साइकिल और जमीन-मकान भी खरीदते हैं. कहा जाता है कि धनतेरस पर जो भी वस्तु खरीदी जाती है उसमें सालभर 13 गुना की बढ़ोत्तरी होती है.
धनतेरस पर क्यों शुभ होती है खरीदारी?
मान्यताओं के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरी हाथों में अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे, इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ माना गया है. पीतल भगवान धनवंतरी की धातु है, इस शुभ दिन पीतल बर्तन पर व्यक्ति की सेहत ठीक रहती है
पहला सुख निरोगी काय, दूसरा सुख घर में माया
अच्छी सेहत सबसे बड़ा धन है। यदि स्वस्थ देह ही न हो, तो माया किस काम की। शायद इसी विचार को हमारे मनीषियों ने युगों पहले ही भांप लिया था। उत्तम स्वास्थ्य और स्थूल समृद्धि के बीच की जागृति का पर्व है धनतेरस, जो प्रत्येक वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। आध्यात्मिक मान्यताओं में दीपावली की महानिशा से दो दिन पहले जुंबिश देने वाला यह काल धन ही नहीं, चिकित्सा जगत की समृद्ध विरासत का प्रतीक है। या काल यक्ष यक्षिणीयों के जागरण दिवस के रूप में भी प्रख्यात है। यक्ष-यक्षिणी स्थूल जगत के उन चमकीले तत्वों के नियंता कहे जाते हैं, जिन्हें जगत दौलत मानता है। लक्ष्मी और कुबेर यक्षिणी और यक्ष माने जाते हैं। यक्ष-यक्षिणी ऊर्जा का वो पद कहा जाता है, जो हमारे जीने का सलीक़ा नियंत्रित करता हैं। सनद रहे कि धन और वैभव का भोग बिना बेहतर सेहत के सम्भव नहीं है, लिहाज़ा ऐश्वर्य के भोग के लिये कालांतर में धन्वन्तरि की अवधारणा सहज रूप से प्रकट हुई, जो नितांत वैज्ञानिक प्रतीत होती है।
धनतेरस पर घर में धनिया लाना बेहद शुभ होता है
धनतेरस पर धनिया लाना बेहद शुभ होता है। इसे धन की वृद्धि की प्रतीक माना जाता है। धनतेरस के दिन 5 रुपये के धनिया के साबुत दाने खरीदकर मां लक्ष्मी जी को अर्पित करें और कुछ दानों को बो देना चाहिए। माना जाता है कि इसको बोने पर अगर धनिया के पौधे निकलते हैं तो यह माना जाता है कि वर्षभर आपके घर पर मां लक्ष्मी जी का आशीर्वाद बना रहेगा।
धन और स्वास्थ्य का संतुलन पर्व है धनतेरस
धनतेरस एक ऐसा और इकलौता महापर्व है जिसमें भौतिक समृद्धि के साथ स्वास्थ्स को भी महत्व दिया गया है। लक्ष्मी और कुबेर के साथ इस दिन धन्वन्तरि का पूजन हमें जीने का सलीक़ा सिखाता हैं।सनद रहे कि धन और वैभव का भोग बिना बेहतर सेहत के सम्भव नहीं है। लिहाज़ा ऐश्वर्य के भोग के लिये कालांतर में धन्वन्तरि की जो अवधारणा प्रकट हुई, वह नितांत वैज्ञानिक प्रतीत होती है।
राशियों के अनुसार खरीदारी शुभ
मेष – चांदी की कटोरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, स्वर्णाभूषण।
वृष – कपड़े, कलश।
मिथुन – सोने के आभूषण, स्टील के बर्तन।
कर्क – चांदी के आभूषण या बर्तन, घरेलू सामान।
सिंह – तांबे के बर्तन या कलश, लाल रंग के कपड़े।
कन्या – सोने या चांदी के आभूषण या कलश।
तुला – कपड़े, सौंदर्य सामान या सजावटी सामान।
वृश्चिक – इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोने के आभूषण।
धनु – सोने के आभूषण, तांबे के बर्तन,मिट्टी के कलश।
मकर – वस्त्रत्त्, वाहन, चांदी के बर्तन या आभूषण।
कुम्भ – सौंदर्य के सामान, स्वर्ण ,तांबे के बर्तन।
मीन – सोने के आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण।
वैसे तो धनतेरस का पूरा दिन शुभ होता है। इस बार धनतेरस के दिन सुबह 8 से 10 बजे के बीच खरीदारी के लिए शुभ समय होगा। इसमें स्थिर लग्न (वृश्चिक) उपस्थित रहेगी, दूसरा शुभ मुहूर्त सुबर 10:40 से दोपहर 1:30 के बीच होगा। इस समय लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपस्थित रहेंगे। दोपहर 1:50 से 3 बजे के बीच भी खरीदारी के लिए स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त होगा। शाम 6:30 से रात 8:30 के बीच स्थिर लग्न का शुभ मुहूर्त रहेगा।
10:40 (IST) 1 Nov 2021
बता दें धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की तेरस को मनाया जाता है। इस दिन कुबेर और माता लक्ष्मी और धन्वंतरी की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन से ही दिवाली की शुरुआत होती है। इस वर्ष धनतेरस त्योहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा। तथा धनतेरस के दो दिन बाद दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाएगी।
Happy Dhanteras 2021: धनतेरस पर न करें इन चीजों की खरीददारी
धनतेरस पर सोने-चांदी और पीतल की चीजों को खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन इस दिन कुछ विशेष चीजों की खरीददारी नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि इससे धन की हानि होती है। धनतेरस पर प्लास्टिक, एलुमिनियम की चीजें न खरीदें। नुकीली चीजों की खरीददारी से भी इस दिन बचना चाहिए।
धनतेरस पर बुध का राशि परिवर्तन इन राशियों के लिए है शुभ
धनतेरस पर बुध तुला राशि में गोचर कर रहे हैं। ज्योतिषविदों का मानना है कि बुध का राशि परिवर्तन जातकों के आर्थिक, सामाजिक जीवन पर असर डाल सकता है। धनतेरस पर बुध का राशि परिवर्तन मेष, वृश्चिक, कर्क, मिथुन, सिंह और धनु राशियों को आर्थिक और सामाजिक लाभ देगा।
धनतेरस मनाने के पीछे क्या है मान्यता? जानें
मान्यता है कि धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने से धन समृद्धि आती है। इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाये जाते हैं। धनतेरस पर शाम के समय एक दीपक यम देवता के नाम पर भी जलाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमदेव प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते हैं।
धनतेरस पर मां लक्ष्मी पूजन विधि (Dhanteras Puja Vidhi):
लाल कपड़ा बिछाकर मुट्ठी भर अनाज रखें. अनाज पर कलश स्थापित करें.
कलश में तीन चौथाई पानी भरकर थोड़ा सा गंगाजल मिला लें.
फिर इसमें फूल, अक्षत, सिक्का और सुपारी डालें. ऊपर पांच आम के पत्ते लगाएं. इनके ऊपर धातु के बर्तन में धान भरकर रखें.
धान पर हल्दी से कमल फूल बनाएं और मां लक्ष्मी को बैठाकर आगे कुछ सिक्के रख दें.
कलश के सामने दक्षिण-पूर्व दिशा में दाईं ओर गणेशजी की मूर्ति रखें.
पूजा शुरू करते हुए पानी हल्दी और कुमकुम अर्पित कर नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण करें
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलिए प्रसीद-प्रसीद
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मिये नम:
हाथों में फूल ले आंख बंद करें, मां लक्ष्मी का ध्यान कर फूल चढ़ाए.
गहरे बर्तन या थाली में लक्ष्मी प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद पानी में आभूषण या मोती डालकर स्नान कराएं.
प्रतिमा को पोंछकर कलश के ऊपर बर्तन में रख दें. चाहें तो सिर्फ पंचामृत और पानी छिड़ककर भी स्नान करा सकते हैं.
अब मां लक्ष्मी की प्रतिमा को चंदन, केसर, इत्र, हल्दी, कुमकुम, अबीर और गुलाल अर्पित करें.
मां की प्रतिमा पर फूलों का हार चढ़ाएं. बेल पत्र और, गेंदा फूल अर्पित कर धूप जलाएं.
अब मिठाई, नारियल, फल, खीले-बताशे अर्पित करें.
प्रतिमा पर धनिया और जीरे के बीज छिड़कें.
आप घर में जिस जगह पैसे, जेवर रखते हैं वहां पूजा कर मां लक्ष्मी का एकाग्र ध्यान करते हुए आरती उतार लें.
धनतेरस पर राशियों के अनुसार इन चीजों की खरीदारी शुभ-
मेष: चांदी और तांबे की वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक सामान। वृषभ: चांदी का सामान, चावल, कपड़ा, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, परफ्यूम, दूध और उससे बने पदार्थ। मिथुन: स्टील बर्तन, वाहन, सोना।
धनतेरस पूजा सामग्री (Dhanteras Puja Samagri):
कपूर, केसर, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, अभ्रक, हल्दी, सौभाग्य द्रव्य, मेहंदी, चूड़ी, काजल, पायजेब, बिछुड़ी, नाड़ा, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान पत्ता, पुष्पमाला, कमलगट्टे, धनिया खड़ा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुशा, दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शकर, घृत, दही, दूध, ऋतुफल, नैवेद्य या मिष्ठान्न, मालपुए इत्यादि), इलायची (छोटी), लौंग, मौली, इत्र शीशी, तुलसी दल, सिंहासन, पंच पल्लव, औषधि, लक्ष्मीजी का पाना, गणेश मूर्ति, सरस्वतीजी चित्र, चांदी सिक्का, लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र, अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र, जल कलश (तांबे या मिट्टी का), सफेद कपड़ा (आधा मीटर), लाल कपड़ा, पंच रत्न, दीपक, बड़े दीपक के लिए तेल, ताम्बूल, श्रीफल (नारियल), धान्य, लेखनी (कलम), बही-खाता, स्याही की दवात, तुला (तराजू), पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल), एक नई थैली में हल्दी की गांठ, खड़ा धनिया, दूर्वा आदि, खील-बताशे, अर्घ्य पात्र.
धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए?
धनतेरस के दिन सोना, चाँदी, पीतल, खरीदना बेहद शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन धनिया खरीदना और झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ होता है।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त (Dhanteras Shopping Time 2021):
धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण की खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 17 मिनट से 8 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा अगर आप सुबह खरीदारी करने की सोच रहे हैं तो सुबह 11 बजकर 30 मिनट से आप खरीदारी कर सकते हैं। वहीं घर के बर्तन और दूसरी चीजें खरीदने का समय शाम 7 बजकर 15 मिनट से रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
3:00 (IST) 1 Nov 2021
धनतेरस का महत्व (Dhanteras 2021 Significance)
धनतेरस पर विशेष रूप से लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते है। मान्यता है जो भी धनतेरस पर भगवान कुबेर, मां लक्ष्मी संग धन्वंतरि की पूजा करता है उसका घर हमेशा धन-धान्य से भरा हुआ रहता है। धनतेरस पर ज्यादातर लोग सोने-चांदी से बनी चीजों को प्रमुखता से खरीदते हैं।
क्यों मनाया जाता है धनतेरस?
हिन्दू धर्म में धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान हैं। मान्यता है ऐसा करने से घर-परिवार में सदैव धन, वैभव, सुख और समृद्धि का वास रहता है। धनतेरस पर चांदी, सिक्का, आभूषण, नए बर्तन, नए कपड़े आदि खरीदने की परंपरा हैं।
धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या नहीं ( Dhanteras 2021 Shopping)
धनतेरस के दिन खरीदारी का महत्व होता है। इस दिन सोना, चांदी, पीतल की चीजें और झाड़ू खरीदना शुभ माना गया है। लेकिन धनतेरस पर ऐसी चीजें भूलकर भी न खरीदें जैसे- काले रंग की वस्तुएं, कांच, एल्युमीनियम और लोहे से बनी चीजें नहीं खरीदना चाहिए।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ समय
02 नवंबर को शुभ धनतेरस का त्योहार है। इस दिन सोना-चांदी के आभूषण खरीदने के लिए शाम 06 बजकर 20 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।