मित्रो आजकल के इस भागदौड़ भरे युग में अनियमित जीवन शैली के चलते जो सबसे ज्यादा बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। वह है मधुमेह। मधुमेह (डयबिटीज) या शुगर को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह ऐसी मधुमेह एक ऐसी गंभीर बीमारी है। जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो वह फिर उस व्यक्ति को जीवन भर नहीं छोड़ती।
इस बीमारी का जो सबसे बुरा पक्ष है। कि यह शरीर में मधुमेह के साथ-साथ अन्य कई तरह की बीमारियों को भी निमंत्रण देता है। मधुमेह के रोगियों को उनकी आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना एक आम बात है। ध्यान देने वाली बात ये है कि पहले यह मधुमेह 40-45 की उम्र के बाद ही होती थी।लेकिन वक़्त के साथ इसमें भी बदलाव आया और आजकल तो बच्चों में भी इसका लक्षण देखने को मिलने लगा है। जोकि चिंता का विषय हो गया है।
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मित्रो लेकिन आज हम आपको इस लेख में एक ऐसे घरेलू नुस्खे के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसका इस्तेमाल करके आप मधुमेह (डयबिटीज) या शुगर की बीमारी से छुटकारा आसानी से पा सकते हैं। सबसे अच्छी बात वो ये है। कि इसके उपयोग करने से आपको कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा। आपको बता दें कि मधुमेह के बीमारी के ये घरेलू इलाज सबसे बेहतरीन असरदार है। इसके लिए आपको कुछ पत्तो की आवश्यकता होगी। उन पत्तो का नाम आर्क के पत्ते होते है। जिनकी आपको आवश्यकता पड़ने वाली है।
मित्रो ये पौधा विषैला होने के बावजूद भी इस पौधे में कई औषधिय गुण पाएं जाते हैं। इसके फूल-पत्तियों का इस्तेमाल अस्थमा, डायबिटीज, कुष्ठ रोग और बवासीर जैसी घातक बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। आक, मदार, अर्क या अकोवा के नाम से पहचाने जाने वाले इस पौधे से और भी बीमारिया जैसे स्किन में एलर्जी या खुजली जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

मधुमेह कैसे होता है?
मित्रो सवाल ये है कि मधुमेह होता कैसे है। तो इसका जवाब है कि जब किसी भी व्यक्ति के शरीर में पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है। तो व्यक्ति के खून में ग्लूकोज का स्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। और इसी स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। चूँकि इंसुलिन एक हार्मोन है। जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है।
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इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है। जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर व्यक्ति शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।

चूँकि मधुमेह (डयबिटीज) महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ी होने के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है। प्रथम श्रेणी के अंतर्गत उन लोगो को शामिल किया गया हैं।
जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं। और आपकी नींद पूरी नहीं होती, अनियमित खानपान और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। तो भी मधुमेह होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।
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बड़ा खतरा?
डायबिटीज के मरीजों में सबसे ज्यादा बड़ा खतरा मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है। जिस व्यक्ति को डायबिटीज होता है। उनमें हार्ट अटैक का खतरा आम व्यक्ति के मुकाबले में पचास गुना ज्यादा बढ़ जाता है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हार्मोनल बदलाव होता है। और उसकी कोशिशएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं।
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इससे धमनियों में रुकावट आने लगती है जिससे हार्ट अटैक हो सकता है। और स्ट्रोक का खतरा भी मधुमेह रोगी को बढ़ जाता है। जैसे की हमने बताया कि डायबिटीज आपकी आँखों को भी नुक्सान पहुँचता है। तो मधुमेह का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है।

मधुमेह के मुख्य लक्षण?
मधुमेह होने के कुछ मुख्य लक्षण है।
जैसे ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब का आना, आँखों की रौशनी कम होना, कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना, हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म, बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन आदि।
आक, मदार, अर्क या अकोवा का प्रयोग कैसे करें?
दोस्तों इसको इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले आप एक आक, मदार, अर्क या अकोवा के पत्ता को ले लीजिये। अब आपको इसके ऊपर वाले हिस्से की हल्की लकड़ी को काट लें, तत्पश्चात फिर अब आप आक, मदार, अर्क या अकोवा के चिकने वाले हिस्से को अपने पैरो के तलवो पर बांध लेना है।

ध्यान देने वाली बात यहाँ ये है कि आक, मदार, अर्क या अकोवा का पत्ता आपके पैरो के तलवो पर टीका रहना चाहिए। इसलिए इसे अच्छे से बांध लीजिये। ताकि ये आपके तलवो से खुले नहीं। अब आप अर्क के पत्ते को रात भर बांध इसी प्रकार से अपने तलवे से बंधे रहने दें। रात भर पैरो के तलवो में बंधे रहने के बाद सुबह इस पत्ते को खोल दीजिये। आपको इस प्रक्रिया को लगातार 20 दिनों तक करना है। ऐसा करने से आपकी शुगर की समस्या जल्द ही खत्म हो जाएगी।
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